उत्पाद

उत्पाद का नाम : खनिज जिप्सम (CaSO4.2H2O)

जिप्सम – खनिज जिप्सम प्राकृतिक रूप से पाये जाये वाले सल्फेट खनिजों का मुख्य स्त्रोत है। यह निर्जल कैल्शियम सल्फेट (CaSO4.2H2O) का रूप होता है जिससे 70%  कैल्शियम सल्फेट व 21% पानी होता है। प्राकृतिक रूप से पाये जाने वाले कैल्शियम सल्फेट में पानी के क्रिस्टल की मात्रा नागण्य होती है। शुद्ध जिप्सम में 32.6% कैल्शियम आक्साइड, 46.5% सल्फर ट्राईआक्साइड व 20.9% जल होता है। खनिज जिप्सम एवं निर्जल कैल्शियम सल्फेट अक्सर साथ-साथ पाये जाते है एवं ऐसा कभी-कभी ही होता है कि प्राकृतिक कैल्शियम सल्फेट में सिर्फ एक ही खनिज उपलब्ध होता अथवा वह अकेला ही पाया जाये। ये प्रायः भाप बन कर विलुप्त हो जाने वाले खनिज होते है। अपने रासायनिक विशेषताओं के कारण जिप्सम का महत्व अधिक बढ़ जाता है।

 

जिप्सम का प्रयोग

(1) सल्फर के स्त्रोत के रूप में –

अनाजों के उत्पादन में मृदा से विभिन्न फसलो द्वारा सल्फर का अवशोषण

अनाज        3-4  किलोग्राम
दलहन           8  किलोग्राम
तिलहन        12  किलोग्राम

  • प्राकृतिक जिप्सम में 13 से 18 प्रतिशत तक सल्फर होता है। इसे मृदा में सल्फर के स्त्रोत के रूप में प्रयोग किया जाता है।
  • जिप्सम का प्रयोग मुख्यतः पंजाब, हरियाणा एवं राजस्थान में तिलहन, दलहन, आलू व गन्ने का उत्पादन बढ़ाने में किया जाता है।

(2) अम्लीय भूमि के सुधार के रूप में –

  1. जिप्सम भूमि के क्षारीय प्रभाव को निष्क्रीय करता है एवं भूमि की मृदुता को बढ़ाता है।
  2. अधिक उर्वरको के उत्पादन में जिप्सम सल्फर व कैल्शियम के उत्प्रेरक के रूप में कार्य करता है।
  3. क्षारीय भूमि के सुधार में खनिज जिप्सम का प्रयोग किया जाता है।

(3) सीमेंट में जिप्सम का प्रयोग –

क्लिंकर से साथ मिश्रित कर पोर्टलैण्ड सीमेंट के निर्माण में 4 से 6 प्रतिशत जिप्सम का प्रयोग किया जाता है। जिप्सम एक रिटार्डर के रूप में कार्य करता है और सीमेंट के सेटिंग समय को नियंत्रित करता है।

(4) प्लास्टर ऑफ पेरिस के रूप –

150 सेटीग्रेड तक गर्म करने पर जिप्सम शुष्क रूप में परिवर्तित हो जाता है जिसे प्लास्टर ऑफ पेरिस के रूप मे जाना जाता है। इसे निर्माण उद्योग में वाल वोर्ड व छतों के सजावट के रूप में प्रयोग किया जाता है।